شعر «
لالایی سکایی*» از مارینا تسیویتایوا با صدای یِلِنا فْرالُوا
Как по синей по степи
Да из звездного ковша
Да на лоб тебе да...
- Спи,
Синь подушками глуша.
Дыши да не дунь,
Гляди да не глянь.
Волынь-криволунь,
Хвалынь-колывань.
Как по льстивой по трости
Росным бисером плеща
Заработают персты...
Шаг - подушками глуша
Лежи - да не двинь,
Дрожи - да не грянь.
Волынь-перелынь,
Хвалынь-завирань.
Как из моря из Каспий
-ского - синего плаща,
Стрела свистнула да...
(спи,
Смерть подушками глуша).
Лови - да не тронь,
Тони - да не кань.
Волынь-перезвонь,
Хвалынь-целовань.
★ سکاها طایفهای ایرانی و کوچنشین بودند که در دو سوی دریای خزر، دشتهای جنوب روسیه و فرارود میزیستند و بخشی از آنان در اوایل هزارهٔ نخست پیش از میلاد به جنوب روسیه تاختند و در سال ۶۲۸ پ. م. به شمال باختری ایران حمله کردند. بعدها در سدهٔ دوم پ. م. گروهی از آنان بار دیگر به خاور ایران (سیستان) و هند کوچیدند و بهتدریج با اقوام دیگر درآمیختند.
به تلفظ همخوانهای نرم (واژههای پایانگیر به ь) در این ترانه دقت کنید.
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