तुम मुझे रोक नहीं सकते....
आखिर कब तक रोकोगे मुझको तुम, किस हद तक रोकोगे मुझको तुम..
हाँ मैं मानती हूं, तुम कैद कर सकते हो मुझे लेकिन मेरे विचारों को नहीं..
हां तुम दबा सकते हो मेरी चीखों को लेकिन रोक नहीं सकते मेरी कोशिशों को..
तुम जब जब कोशिश करोगे मेरे अस्तित्व को दबाने की, मेरी तब तब कोशिश रहेगी अपने अस्तित्व को आसमां तक पहुंचाने की..
तुम जब जब कोशिश करोगे अपने बकवास उसूलों को मुझ पर लगाने को,
मेरी तब तब कोशिश रहेगी सर्वहित अपने उसूल बनाने की..
हां तुम मुझे रोकने की कोशिश तो कर सकते हो, लेकिन मुझे रोक नहीं सकते..
तुम जब-जब कोशिश करोगे मुझे गिराने की, मेरी तब-तब कोशिश रहेगी हर बार उठ जाने की..
हां मैं मानती हूं तुम बदल सकते हो मेरी जीवन प्रवाह लेकिन मेरी विचारधारा नहीं..
क्योंकि तुम मुझे तो कैद कर सकते हो लेकिन मेरे विचारों को नहीं..
- Priyanka Prajapat