❣रात्रि कहानी (Night Story) ❣
जंगल में चरती एक गाय🐄 शाम ढलते समय दबे पांव एक बाघ 🐅को अपनी ओर आते देख डर कर 😱इधर उधर भागने लगी।
🐅🐅बाघ भी उसके पीछे दौड़ने लगा,भागती गाय🐄 को सामने एक तालाब दिखा घबराई हुई वह उस तालाब में घुस गई।वह बाघ भी उसमें घुस गया। तालाब गहरा नहीं था ना ही उसमें ज्यादा पानी था बल्कि पानी कम होने से कीचड़ भरा हुआ था। कीचड़ के कारण दोनों आगे नहीं बढ़ पा रहे थे और धीरे-धीरे धंसने लगे ।
नजदीक होने के बाद भी बाघ गाय को पकड़ नहीं सका। दोनों धंसते चले जा रहे थे।गाय ने बाघ से पूछा क्या तुम्हारा कोई गुरु या मालिक है।
बाघ ने गुर्रा कर कहा मैं स्वयं जंगल का राजा हूं मैं ही मालिक हूं।
गाय ने कहा तुम्हारी उस शक्ति का यहां क्या उपयोग है ?
बाघ ने कहा तुम्हारी भी हालत मेरे जैसी है तुम भी फंसी हुई हो और मरने के करीब हो।
गाय ने मुस्कुराते हुए कहा, बिल्कुल नहीं ।
मेरा मालिक शाम को घर आएगा और मुझे न पाकर ढूंढते हुए यहां जरूर पहुंचेगा और मुझे फंसा हुआ देखकर कीचड़ से निकाल कर अपने घर ले जाएगा। किन्तु तुम्हें कौन ले जाएगा ?
थोड़ी देर पश्चात गाय का स्वामी वहां आया और गाय को निकाल कर लें जाने लगा। जाते समय गाय और उसका स्वामी एक-दूसरे को कृतज्ञतापूर्वक देख रहे थे।
जान का खतरा होने के कारण चाहकर भी बाघ🐅🐅 को नहीं ❎निकाल सकते थे।
🐄गाय ___ समर्पित हृदय का प्रतीक है ।
🐅बाघ _अहंकारी मन है ।
🧔मालिक__ईश्वर का प्रतीक है ।
🌊कीचड़____यह संसार है । और
🏋यह संघर्ष____अस्तित्व की लड़ाई है ।
किसी पर निर्भर नहीं होना अच्छी बात है, लेकिन मैं ही सब कुछ हूं, मुझे किसी के सहयोग की आवश्यकता नहीं है, यही अहंकार है, और यहीं से विनाश का बीजारोपण हो जाता है ।ईश्वर ☝️से बड़ा इस दुनिया में 🌎कोई सच्चा हितैषी नहीं है, क्योंकि वही विभिन्न रूपों में हर क्षण हमारी रक्षा करते हैं।✅