कुछ गहरा सा लिखना था,
इश्क से ज्यादा क्या लिखूँ.
कुछ ठहरा सा लिखना था,
दर्द से ज्यादा क्या लिखूँ.
कुछ समन्दर सा लिखना था,
आँसू से ज्यादा क्या लिखूँ.
कुछ अपना सा लिखना था,
आँखो से ज्यादा क्या लिखूँ.
सुनो, अब जिन्दगी लिखनी है,
तुमसे ज्यादा क्या लिखूँ...!!
#बेवजह
🥀