मैंने इश्क़ किया उस लड़की से जिसे प्रेम की बिल्कुल तहज़ीब नहीं थी रो पड़ती थी बस इतनी बात पर कि उसके गाँव में मेरे नाम के किसी लड़के की शादी हो गयी हंस पड़ती थी बस इतनी बात पर कि आज उसकी बाली कल वाली से ज्यादा खूबसूरत है, और माँ की बिंदी उसके माथे पर बड़ी नहीं लगती खुश हो जाती थी बस इतनी बात पर कि उसने मुझे तीन बार फोन किया और मैंने तीनों बार उठाया और चहक कर बताती थी आज उसका दुपट्टा सर से एक बार भी नहीं सरका मैंने इश्क़ किया उस लड़की से जिसे तमीज़ नहीं थी, तहजीब नहीं थी
जो मंदिर में प्रेमी की तरफ देखना भी भगवान का अनादर समझती थी जो बोलती थी मंदिर में ये शोभा नहीं देता। मैंने इश्क़ किया उस लड़की से जिसे पसंद था फिल्मों से ज्यादा मुझे देखना। और एक बार देखकर हफ्तों तक खुशी से इंतजार करना अगली बार देखने का और जो उतावली रहती थी ये बताने को कि आज मैंने कल से एक रोटी ज्यादा खाई इसलिए आज मेरा पेट फूल गया मैंने इश्क़ किया उस अल्हड़ लड़की से जो किसी के पैरों की आवाज़ सुनकर फोन काट देती थी वो अल्हड़ लड़की जिसने माँ की मार खाई और पापा का तिरस्कार सहा फिर भी निभाती रही मोहब्बत करती रही इश्क़ बेहद, बेहिसाब बिना तहजीब के
पता नहीं जिंदगी का ये कौन सा दौर चल रहा है , जिसमें ना किसी से कोई शिकायत है, ना खुद से कोई मोह, ना किसी से लड़ने का मन, ना किसी से प्रेम की अपेक्षा__!
वृक्ष उन फूलों की चिंता नहीं करता जो गिर गए हैं वो नये फूल उगाने में व्यस्त रहता है जीवन भी इस बात पर निर्भर नहीं होता कि आपने अब तक क्या खोया है वो निर्भर होता है की आप आगे क्या प्राप्त कर सकते हैं... ! जय श्री कृष्ण ! 🙏💙❤️